आपको पता होना चाहिए कि पृथ्वी पर जीवन के लिए ओजोन परत का होना जरूरी है।लेकिन ओजोन परत में ओज़ोन गैस की मात्रा लगातार घट रही है।इसका मुख्य कारण प्रकृति और पर्यावरण को दोहन करने वाले मानव है। वर्ष। 1995 से हर वर्ष 16 सितंबर को ओज़ोन परत के संरक्षण के प्रति जागरूकता के लिए अंतरराष्ट्रीय ओज़ोन दिवस का आयोजन किया जाता है।
ओजोन हल्के नीले रंग की गैस होती है, जो ऑक्सीजन के तीन परमाणु से मिलकर बनती है।ये गैस वायुमंडल में बहुत कम मात्रा में पाई जाती है।ओजोन परत आमतौर पर धरती से 10 किमी से 50 किमी की ऊँचाई के बीच पाई जाती है। वायुमंडल के समताप मंडल क्षेत्र में पतला सा एक आवरण है।यह ओज़ोन परत पर्यावरण का रक्षक है,ऊपरी वायुमंडल में इसकी उपस्थिति बहुत ही आवश्यक है। क्लोरफ्लोरो कार्बन यानी क्लोरीन और ब्रोमीन युक्त रसायन ओज़ोन के विनाश में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।यह पदार्थ समताप मंडल को बहुत हानि पहुंचाते हैं, इन्हें ओज़ोन क्षरण पदार्थ कहते हैं।
प्राकृतिक रूप से बनती है ओजोन गैस। ओजोन परत हमें सूर्य की पराबैंगनी किरणों से बचाती है, यदि सूर्य से आनेवाली सभी पराबैंगनी किरणे पृथ्वी पर पहुंच जाए तो पृथ्वी पर सभी प्राणी कैंसर से पीड़ित हो जाएंगे और पृथ्वी के सभी पेड़ पौधे नष्ट हो जाएंगे।लेकिन सूर्य विकिरण के साथ आनेवाली पराबैंगनी किरणों का लगभग 99 फीसदी भाग ओज़ोन मंडल द्वारा सोंख लिया जाता है, जिससे पृथ्वी पर रहने वाले प्राणी, वनस्पति तीव्र ताप से सुरक्षित बचे हुए हैं।इसलिए ओज़ोन परत को सुरक्षा कवच कहते हैं।


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