खुद से सवाल पूछिये। उन सवालों का ढेर इक्कट्ठा कीजिये।
जो समय समय पर हमारे सामने आता रहता है।। उत्तर खोजने मे मेरी हैसियत नही मैं कोशिश जरूर करता हुँ
ऐसा करने से मुझ पर भरोसा करना आ गया। स्वयं पर विश्वास करना सीखिए।यह विश्वास जीवन में अनगिनत पड़ाव को पार करने में हमारी मदद करेगा सच्ची अर्थो में हमारी सोच हमारी विकास करती है। हम चाहते है कि ऐसा हो,वैसा हो और अंत में चुनाव हमे ही करना पड़ता है।जीवन के कई कड़ियाँ बेशक कमज़ोर दिखे।लेकिन उनमें उत्साह भरने का काम इंसान स्वयं करता है।
एक चीनी कहावत है कि महापुरुषों के संकल्प होते है और दुर्बलों के केवल इच्छाएं होती है।महात्मा गाँधी हो या विवेवकानंद , स्वामी दयानंद सरस्वती हो आचार्य तुलसी इन सबकी सफलताओं का राज यही रहा कि उनकी हर प्रयास भीतरी संकल्प के साथ होता था। छोटे संकल्प अक्सर बड़े बदलाव की नींव रखते हैं। हर महीने एक पौधा लगाना या हर रोज किसी अजनबी को मुस्कुराहट देना संभवतया आपकी जीवन मे भारी बदलाव न ला सके। लेकिन वे आपकी उस ज़िंदगी को बरकरार रख पाने में सफल होती है जिनकी चाह लगभग हर व्यक्ति के भीतर विद्यमान होती।
जो समय समय पर हमारे सामने आता रहता है।। उत्तर खोजने मे मेरी हैसियत नही मैं कोशिश जरूर करता हुँ
ऐसा करने से मुझ पर भरोसा करना आ गया। स्वयं पर विश्वास करना सीखिए।यह विश्वास जीवन में अनगिनत पड़ाव को पार करने में हमारी मदद करेगा सच्ची अर्थो में हमारी सोच हमारी विकास करती है। हम चाहते है कि ऐसा हो,वैसा हो और अंत में चुनाव हमे ही करना पड़ता है।जीवन के कई कड़ियाँ बेशक कमज़ोर दिखे।लेकिन उनमें उत्साह भरने का काम इंसान स्वयं करता है।
एक चीनी कहावत है कि महापुरुषों के संकल्प होते है और दुर्बलों के केवल इच्छाएं होती है।महात्मा गाँधी हो या विवेवकानंद , स्वामी दयानंद सरस्वती हो आचार्य तुलसी इन सबकी सफलताओं का राज यही रहा कि उनकी हर प्रयास भीतरी संकल्प के साथ होता था। छोटे संकल्प अक्सर बड़े बदलाव की नींव रखते हैं। हर महीने एक पौधा लगाना या हर रोज किसी अजनबी को मुस्कुराहट देना संभवतया आपकी जीवन मे भारी बदलाव न ला सके। लेकिन वे आपकी उस ज़िंदगी को बरकरार रख पाने में सफल होती है जिनकी चाह लगभग हर व्यक्ति के भीतर विद्यमान होती।
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